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कथा यात्रा
कुसुम नारायण "नारायणी"
कहानी संग्रह
एक और हुमायूं
इन बारह कहानियों के संग्रह में बहुचर्चित "एक और हुमायूं" भी है. इस कहानी की पृष्टभूमि १९४७ में देश का विभाजन है और इसकी मुख्य पात्र हिन्दु परिवार में जन्मी एक छोटी लड़की है जिसे अपने पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम परिवार से बहुत लगाव है. यह कहानी जहाँ एक तरफ़ इन दो परिवारों के आपसी लगाव और उठने-बैठने की गँगा-जमुनी तहज़ीब को चित्रित करती है, वहीं विभाजन के समय विचारों में बढती कट्टरता और कटुता को भी दर्शाती है. इस कहानी को साम्प्रदायिक दूरी के उदय के नाज़ुक प्रदर्शन के लिए पुरुस्क्रित किया गया था.

